Aug 17, 2007

गायत्री मंत्रः - विश्वेदेवा गायत्री मंत्रः

गायत्री मंत्रः 

ॐ भूर्भुव॒स्सुवः॑ ॥ तथ्स॑वि॒तुर्वरे॓ण्यं॒ भर्गो॑ दे॒वस्य॑ धीमहि । धियो॒ यो नः॑ प्रचोदया॓त् ॥

विश्वेदेवा गायत्री मंत्रः 


कृष्णा गायत्री 

ॐ देवकी नन्दनाय विद्महे 

वासुदेवाय  धीमहि 

तन्नो कृष्णाः  प्रचोदयात  

1. गणेश  गायत्री 

ॐ एक दन्ताय विद्महे 

वक्रतुण्डाय  धीमहि 

तन्नो दंतिः  प्रचोदयात 


2. ब्रह्मा  गायत्री 

ॐ चतुर्मुखाय विद्महे 

हंसा रुद्रया धीमहि 

तन्नो ब्रह्माः  प्रचोदयात 

3. विष्णु  गायत्री 

ॐ नारायणाय  विद्महे 

वासुदेवाय  धीमहि 

तन्नो विष्णुः  प्रचोदयात 


4.  शिव  गायत्री 

ॐ पंचवक्त्राय  विद्महे 

महादेवाय धीमहि 

तन्नो रुद्राः  प्रचोदयात 


5. दुर्गा गायत्री 

ॐ गिरिजाये विद्महे 

शिवा प्रियायै धीमहि 

तन्नो दुर्गः प्रचोदयात 

6. नारायणा गायत्री 


ॐ नारायणाय विद्महे 

वासुदेवाय धीमहि 

तन्नो  नारायणः  प्रचोदयात 

7. लक्ष्मी गायत्री 

ॐ महा लक्ष्मीयाये विद्महे 

विष्णुप्रियाये धीमहि 

तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात 


8. सीता गायत्री 

ॐ जनकनन्दिन्यै विद्महे 

भूमिजायाये धीमहि 

तन्नो सीताः  प्रचोदयात 

9.रामा गायत्री 

ॐ दशरथया  विद्महे 

सीता वल्लभाय धीमहि 

तन्नो रामाः  प्रचोदयात 


10. हनुमान गायत्री 

ॐ अंजनीसुताय विद्महे 

वायुपुत्राय धीमहि 

तन्नो मारुति प्रचोदयात 


11. अग्नि गायत्री 

ॐ महाज्वालये विद्महे 

अग्निदेव्यै धीमहि 

तन्नो अग्निः प्रचोदयात 

12. सूर्य गायत्री 

ॐ भास्कराय  विद्महे 

दिवाकराय धीमहि 

तन्नो सूर्यः प्रचोदयात 


13. वरुण गायत्री 

ॐ जलबिम्बाय विद्महे 

नीला पुरूषाय धीमहि 

तन्नो वरुणः प्रचोदयात 


14. इंद्रा गायत्री 

ॐ सहस्रनेत्राय विद्महे 

वज्रहस्ताय धीमहि 

तन्नो इंद्राः  प्रचोदयात 

15. यमा गायत्री 

ॐ पुत्र्याय विद्महे 

महाकालाय धीमहि 

तन्नो यमः प्रचोदयात 


16. पृथ्वी गायत्री 

ॐ पृथ्वी देवयाये  विद्महे 

सहस्रमूर्तियाये धीमहि 

तन्नो पृथ्वीः प्रचोदयात 

Sianala, Montreal, August,2007
 

पितृ गायत्री 

ॐ जीवा नारायण  स्वरूपा पितृ देवया  विद्महे 

वसु  रुद्रया आदित्याय देवया धीमहि 

तन्नो पितृ देवया  प्रचोदयात || 

No comments:

Post a Comment